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लेखनी कहानी -27-Oct-2022 कड़ी तपस्या

बहुत कड़ी तपस्या कर रहे हैं वो । झूठ की संख्या डबल कर दी है । लफ्फाजी बेहिसाब करने लगे हैं । यू टर्न लेने के वो पहले ही शहंशाह घोषित हो चुके हैं । मेट्रो से जाने का ड्रामा करने वाले श्रीमान जी अब चार्टर प्लेन से जाने लगे हैं । और कितनी तपस्या करें आखिर वो ? पहले पचास किलो के थे, तपस्या करते करते अब अस्सी किलो के हो गये हैं । गजब की तपस्या है उनकी । 

कभी कहते थे कि अयोध्या में राम मंदिर की क्या जरूरत है ? वहां पर अस्पताल बना दो, विद्यालय बनवा दो पर राम मंदिर बिल्कुल नहीं बनना चाहिए । जब राम मंदिर बनना शुरू हो गया तो वे अपने आपको कट्टर राम भक्त कहने लगे । वैसे वे कभी "कट्टर" से नीचे उतरते ही नहीं हैं । जो भी हैं "कट्टर" हैं चाहे ईमानदारी हो या बेईमानी । वो जाली टोपी पहनकर हनुमान चालीसा पढ लेते हैं । अपने गाल पर तमाचे पड़वाकर उन्हें सुजवा सकते हैं । "स्वास्तिक" को झाड़ू से पिटवा कर "लक्ष्मी गणेश" को नोटों पर छापने की मांग कर सकते हैं । वैसे मांग करने में जाता ही क्या है ? जबान ही तो हिलानी पड़ती है । वैसे भी वे करते ही क्या हैं ? सिर्फ जुबान ही तो हिलाते हैं । कभी गाड़ी बंगला नहीं लेने के लिये तो कभी बच्चों की सौगंध खाने के लिए । कभी सब कुछ मुफ्त मुफ्त चिल्लाने के लिये तो कभी शाहीन साजिश के साथ होने के लिए । विदेशी का मोह अभी तक गया नहीं है इनके दिल से । विदेशी चंदे के लिये देश से गद्दारी करने से कोई परहेज नहीं है इन्हें मगर "भगतसिंह" का नाम लेने में जरा भी शर्म नहीं आती है इन्हें । अरे, मैं तो भूल ही गया । बेशर्म बनने के लिए कितनी कड़ी तपस्या करनी पड़ती है ? कोई बनकर तो दिखाये बेशर्म ? इसीलिए तो लोग आजकल इन्हें "नटवरलाल" , "धूर्त शिरोमणी" और ना जाने क्या क्या कहते हैं । पर मजाल है कि चेहरे पर कोई शिकन आई हो । ये सब ऐसे ही नहीं हो जाता है इसके लिये "रंगा सियार" बनना पड़ता है और रंगा सियार बनने के लिए "मक्कारी" सीखनी पड़ती है तथा मक्कारी सीखने के लिए "कड़ी तपस्या" करनी पड़ती है । 

कड़ी तपस्या से ही तो बड़ी सरकारी नौकरी पाई थी । करोड़ों अरबों कमाने के लिए एक "एन जी ओ" बनाया था और खूब विदेशी फंड "उड़ाया" था । जनता को मूर्ख बनाया था और सिर पर ताज रखवाया था । अब गुजरात के लोगों को "टोपी" पहना रहे हैं । दिल्ली और पंजाब के लोग तो टोपी पहन चुके हैं । हिमाचल प्रदेश के लोगों ने टोपी पहनने से साफ इंकार कर दिया है । फिर पूरे देश को टोपी पहनाएंगे । 

जेल जाने वाले मंत्रियों को भी अभय दान दे रखा है और गुंडे मवाली विधायकों को पूरा समर्थन दे रखा है इसके बावजूद "धर्मराज" के अवतार बने हुए थे । अब तो वे कृष्ण के अवतार में आ गये हैं और "कंसों" को मारने गुजरात जा रहे हैं । कितनी कड़ी तपस्या कर रहे हैं । ऐसे ही कोई प्रधानमंत्री थोड़े ना बन जाता है ? 

उनकी तपस्या को देखकर पूरी "मधुशाला" भाव विभोर हो गई है और पूरी दिल्ली "मधुशाला" के आगोश में समा चुकी है । शीघ्र ही पंजाब का बच्चा बच्चा सुबह से ही बोतल लेकर धाराप्रवाह "झूठ" बकने वाला है । "खालिस्तानियों" के सहयोग से एक "मधुशाला प्रेमी" को पंजाब का मुखिया बना दिया है जिसने जर्मनी जैसे देश में भारत का नाम रोशन करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है । हमने तो यह भी सुना है कि अब तो ये सपनों में भी झूठ बोलने लगे हैं । पर सयाने लोग कह रहे हैं कि ये झूठ के सिवाय और कुछ नहीं बोलते हैं । 

पर हमें गर्व है ऐसे लोगों पर । इनकी कड़ी तपस्या पर जो दिन रात देश तोड़ने में लगे हुए हैं । भगवान इनकी तपस्या का फल जरूर देगा । जल्द ही देश टुकड़े टुकड़े होकर रहेगा । 

श्री हरि 
27.10.22 


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4 Comments

Khan

28-Oct-2022 12:04 PM

Behatrin rachna 👍🌺💐

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Raziya bano

27-Oct-2022 09:04 PM

Bahut khub

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Muskan khan

27-Oct-2022 06:11 PM

Amazing 👍

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